ISRO’s Gaganyaan Every Detail
मुझे मेरा बचपन याद हैं जब मैं रात के सन्नाटो में आसमान के तरफ ढेरों सवालियाँ नज़रो से देखता था , टिमटिमाते तारें और मद्धम चमकता चाँद तो मानो मेरे सवालों में और भी इज़ाफ़ा करते थे। तब मैं ये सोचता था आखिर ये आसमान कितना दूर है? ये चाँद ये तारे आखिर क्यों हैं ? क्या इंसान इस नीले ग्रह से बाहर जा भी सकता है ? तब बेशक इन सवालों के जवाब मौजूद थे लेकिन संसाधनो की कमी ही थीं जो मुझे जवाब तक पहुँचने से रोक रही थी। समय के साथ सवालों के जवाब तो मुझे मिले ही और इन्हें ढूंढते हुए मैं ISRO यानी (Indian Space Research Organisation) के बारे में भी जान पाया।
ISRO की स्थापना 1969 में हुई थी और तब शायद इनके पास भी हमारे ही तरह संसाधनों की कमी थी लेकिन इसके बावजूद भी ISRO दिन प्रतदिन तरक्की करता गया और एक से बढ़ कर एक Space Missions को अंजाम देता रहा जिसके फलस्वरूप आज यह पुरे विश्व की Top Space Agencies में चौथे नंबर पर हैं।
कुछ समय पहले की ही बात हैं जब ISRO की बदौलत भारत विदश्व का पहला देश बना था जिसने चाँद के South Pole पर लैंड करके दुनिया को यह सन्देश दिया था की यह नया भारत हैं और अब ISRO अपने नए मिशन “Gaganyaan ” की तैयारियों में जोर-शोर से लगा हुआ हैं जिसकी बहुत सी जानकारियाँ निकल कर सामने भी आ चुकी हैं। तो आज के अपने इस ब्लॉग में हम आपको ISRO’s Gaganyaan से जुड़ी हर जानकारी को विस्तार से बताएंगे ताकि आपको इसके अलावे किसी और ब्लॉग को पढ़ने की जरूरत न पड़े।
ISRO’s Gaganyaan Objective (उद्देश्य )
अगर आपके दिमाग में भी यह सवाल बार-बार दस्तक देता है की ये ISRO’s Gaganyaan क्या हैं ? इसका उद्देश्य क्या है ?ISRO इसे कैसे अंजाम देगा ? तो आइये आज हम आपके इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से दे।
ISRO’s Gaganyaan मिशन क्या हैं ?
3 अप्रैल 1984 में ऐसा पहली बार था कि भारतीय नागरिक राकेश शर्मा तब के Soviet Union के तरफ से अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के पहले नागरिक बने थे। इसके बाद 19 नवम्बर1997 में भारत की बेटी कल्पना चावला को NASA के Columbia Space Shuttle से एक मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजा गया था। बहुत ही ताज्जुब की बात हैं की हमारे देश में ISRO जैसी काबिल Space Organization मौजूद हैं फिर भी भारत ने इतिहास में हमेशा ही दूसरे देशों की मदद से अपने लोगो को अंतरिक्ष में भेजा है , लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला ISRO बहुत ही जल्द भारत की पहली Human Spaceflight Mission यानी Gaganyaan को शरू करने जा रहा हैं।
जैसा की नाम से बहुत सी चीजें साफ़ हो जाती हैं “गगणयान” दो शब्दो से मिल कर बना हैं “गगन” और “यान” जिसका मतलब है “Space Vehicle“ दरअसल “Gaganyaan Mission” के तहत ISRO एक साथ तीन लोगो को पृथ्वी के 400Km के Orbit में भेजेगा और इन्हें वापस धरती पर सुरक्षित लेकर भी आएगा आपको बता दे की इन सब में पुरे तीन दिन का समय दिया लगेगा।
Table of Contents
Gaganyaan मिशन का उद्देश्य क्या है ?
बात अगर ISRO के Gaganyaan Mission के उद्देश्य की करि जाए इसके ढेरों उद्देश्य हैं जैसे –
तकनीकी प्रगति (Technological Advancement)
पुरे Mission के दौरान ISRO को बहुत सी Advance Technologies की आवश्कता होंगी जैसे spacecraft design, life support systems, crew safety measures, और launch vehicle capabilities आदि। इन सब की तैयारी ISRO पहले ही कर चूका हैं और ये तकनीक आगे भी कई सेक्टर्स और मिशन में काम आने वाली हैं इसके अलावे ISRO के जरिये पुरे विश्व को भारत के Technological Advancement का पता चेलगा ।
Scientific Research and Exploration (वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्वेषण)
जैसा की हमने आपको पहले बताया की वैज्ञानिक इस पुरे मिशन के लिए तीन दिन का समय लेंगे और अंतरिक्ष में इन सुनहरे पलो का इस्तेमाल वे अंतरिक्ष के “ Microgravity ” में ढेरों प्रयोगों में करेंगे जिनमें life sciences, materials science, biotechnology, और space medicine आदि शामिल हैं। इन प्रयोगों के परिणाम ना केवल ISRO बल्कि विभिन्न देशों के विभिन्न Sectors के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
International Collaboration and Diplomacy (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कूटनीति)
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की इस पुरे मिशन में Russia की Space Agency “ROSCOSMOS“ और अमेरिकी Space Agency “NASA” ने भी ISRO की हर प्रकार से मदद करि हैं जैसे Astronauts की Training , उनके Supports और Medical Examination जैसी जरूरी पहलुओं पर ध्यान देगा। इस Collaboration से मिशन के सफल होने के आसार तो बढ़ते ही हैं इसके अलावे भारत के राजनैतिक और अंतर्राष्ट्रीय संबंध भी मजबूत होंगे।
Inspiration and Education (प्रेरणा और शिक्षा )
ISRO हमेशा से ही देश के लाखो लोगो के लिए प्रेरणा का एक स्रोत रहा हैं लेकिन Gaganyaan Mission के सफलता के बाद यह Space Agency सिर्फ देश ही नहीं विदेश के लाखो लोगो के लिए भी प्रेरणा का एक स्रोत बनेगा और लाखों युआ इस Sector में अपनी दिलचस्पी दिखाएँगे।
Mission Components and Space Craft (मिशन के पुर्जे और स्पेस क्राफ्ट )
बात अगर मिशन में इस्तेमाल होने वाले पुर्जो की करे तो इसमें ढेरों पुर्जो की आवश्कता होगी जैसे –
Crew Module (मानव-यान मॉड्यूल)
आपको हम बता दे की इस मिशन के लिए ISRO ने एक बहुत ही नयी तकनीक से लैश Crew Module को तैयार किया हैं जो विशेषरूप से इसी मिशन के लिया किया गया हैं जिसका नाम हैं “Gaganyaan” यह Crew Module इस तरिके से विकशित किया गया है की यह आराम से Astronuts को बिना किसी दिक्कत के अंरिक्ष में ले जाए और वापिस धरती पर लेकर आये। इसके अंदर life support systems, navigation, और control arrangements आदि दिए जाएंगे।
Launch Vehicle (प्रक्षेपण यान)
किसी भी स्पेस मिशन के सफलता में सबसे जरुरी भूमिका Launch Vehicle निभाता है और इस मिशन के लिए भी ISRO ने इसका चुनाव बहुत ही समझदारी से किया हैं। इस मिशन के लिए ISRO के सबसे ताकतवर Launch Vehicle “Geosynchronous Satellite Launch Vehicle Mark III (GSLV Mk III)” का इस्तेमाल किया जायेगा आपको बता दे की यह वही Launch Vehicle जिसका इस्तेमाल ISRO ने चंद्रयान 2 के लिया किया था और इसमें सफलता भी हासिल करि थी।
Life Support Systems (जीवन सहायक प्रणालियाँ)
इस मिशन के दौरान Astronauts को पुरे तीन दिन तक अंतरिक्ष में रेहान होगा जिसके लिए उन्हें जीवन जीने के लिए पर्याप्त संसाधन उनके Crew Module में दिया जायेगा जिसे Life Support Systems कहते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में Oxygen , पानी , खाना आदि शामिल हैं।
Mission Process & Timeline ( मिशन प्रक्रिया और समय )
बात अगर इस मिशन की प्रक्रिया की करे तो इसे अलग अलग चरण में किया जायेगा जिसमे सबसे पहले तीन Astronauts को Crewed Module में जरूरी उपकरणों के साथ बैठाया जायेगा। इसके बाद आँध्रप्रदेश के Shri Hari Kota में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से Astronuts को GSLV Mk III Launch Vehicle के जरिये अंतिरिक्ष में भेजा जायेगा।
लॉन्च के करीब 16 मिनट बाद यह रॉकेट Astronauts को धरती के सतह से करीब 400 Km ऊपर ले जाकर छोड़ देगा इसके बाद यह Space Craft धरती के चक्कर लगाने लगेगा , इस दौरान यह निचे Space Agency के संपर्क में रहेगा और जब इसे धरती पर वापस आना होगा उस से पहले यह Spacecraft अपने Service Module और Solar Panels को खुद से अलग कर लेगा। धरती पर वापस आते समय इसकी रफ़्तार 216 m/s की होगी इसी गति से यह धरती के वातावरण में प्रवेश करेगा और सतह पर पहुँचने से थोड़े देर पहले अपने Parachutes को खोल लेगा। आपको बता दे की इसके Crew Module में दो Parachutes दिए गए है ताकि एक फेल भी हो जाए तो हमारे पास दूसरा विकल्प मौजूद हो।
Gaganuyaan Astronauts Information (अंतरिक्ष यात्रिओं की जानकारी )
इस मिशन के लिए कुल चार Astronauts का चयन किया गया है जिनकी जानकारी कल यानी की 27 फ़रवरी को सार्वजनिक कर दी गयी और भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा इन्हे सम्मानित भी किया गया। इनके नाम और पद निचे दिए गए है
- Prashanth Balakrishnan Nair ( Group Captain)
- Angad Prathap ( Group Captain )
- Ajit Krishnan ( Group Captain )
- Shubanshu Shukla (Wing Commander)
ISRO’s Gaganyaan मिशन क्या हैं ?
जैसा की नाम से बहुत सी चीजें साफ़ हो जाती हैं “गगणयान” दो शब्दो से मिल कर बना हैं “गगन” और “यान” जिसका मतलब है “Space Vehicle“ दरअसल “Gaganyaan Mission” के तहत ISRO एक साथ तीन लोगो को पृथ्वी के 400Km के Orbit में भेजेगा और इन्हें वापस धरती पर सुरक्षित लेकर भी आएगा आपको बता दे की इन सब में पुरे तीन दिन का समय दिया लगेगा।
Gaganyaan मिशन का उद्देश्य क्या है ?
बात अगर ISRO के Gaganyaan Mission के उद्देश्य की करि जाए इसके ढेरों उद्देश्य हैं जैसे –तकनीकी प्रगति (Technological Advancement) , Scientific Research and Exploration (वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्वेषण) , International Collaboration and Diplomacy (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कूटनीति) , Inspiration and Education (प्रेरणा और शिक्षा )
gaganyaan मिशन में शामिल Astronauts के नाम क्या हैं ?
इस मिशन के लिए कुल चार Astronauts का चयन किया गया है Prashanth Balakrishnan Nair( Group Captain)Angad Prathap ( Group Captain )Ajit Krishnan ( Group Captain )Shubanshu Shukla (Wing Commander)
Gaganyaan मिशन कब लॉन्च किया गया था ?
इसके बारे में अभी कोई जानकारी ISRO के तरफ से नहीं दी गयी हैं पर माना यह जा रहा हैं की इसे साल 2025 तक लॉन्च किया जायेगा।